Chapter 5: Paused, push.
हर तरीक़ा तुम्हारा था , उस पर पहरा मेरा था , तुम खुद मे मैं ढूँढते रह गए , और खुद मुझे तुम मिल गए , तारीफ़ करना मामूली बात है , जो मुझे तुमसे है ना , उसे प्यार कहना अलग बात है , तुम्हें करोड़ों इशारे करता हूँ , शायद तुम समझ नहीं पाती , तुम्हारी थकी हुई हँसी देखते ही , जीवन की ख़ुशबू फिर से महक जाती है , तुम होना मेरे साथ ? सवाल हर बार यही पूछता हूँ , हँस कर तुम्हारे हाँ का इंतेज़ार करता हूँ। Differences make life more happening at every end, the feeling it conquer after all those mistakes firmly rebuilds you. Doe...